(गोपाल कृष्ण गोखले) GOPAL KRISHNA GOKHALE in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
गोपाल कृष्ण गोखले का जीवन परिचय (Gopal Krishna Gokhale Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of Gopal Krishna Gokhale in Hindi.
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'गोपाल कृष्ण गोखले' का जन्म 9 मई, 1866 में कोथापुर, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण राव था जो एक किसान थे। उनकी माता वालूबाई एक घरेलू महिला थीं।
गोखले क़ी प्रारंभिक शिक्षा राजाराम हाई स्कूल कोथापुर से संपन्न हुई। उन्होंने 18 वर्ष क़ी आयु में बी०ए० क़ी परीक्षा उत्तीर्ण क़ी। पूना बहुत से सामाजिक और शिक्षा सम्बन्धी कार्यों का केंद्र था। गोपाल कृष्ण गोखले ने फरग्युसन कॉलिज में अध्यापन कार्य किया। वह गणित तथा अंग्रेजी पढ़ाते थे। वह एक सफल अध्यापक थे। उनके सहयोगी और शिष्य दोनों उनकी प्रशंसा करते थे।
पूना में गोखले न्यायाधीश रानाडे के संपर्क में आये। वह रानाडे के जीवन और विचारों से बहुत प्रभावित हुए। रानाडे एक बड़े देशप्रेमी और समाज-सुधारक थे। उन्होंने एक पत्र प्रकाशित किया। गोखले इस पत्र के संपादक हो गए। भारत के इतिहास और स्वतंत्रता आन्दोलन में गोपाल कृष्ण गोखले का नाम सदैव याद रखा जायेगा।
गोखले क़ी प्रारंभिक शिक्षा राजाराम हाई स्कूल कोथापुर से संपन्न हुई। उन्होंने 18 वर्ष क़ी आयु में बी०ए० क़ी परीक्षा उत्तीर्ण क़ी। पूना बहुत से सामाजिक और शिक्षा सम्बन्धी कार्यों का केंद्र था। गोपाल कृष्ण गोखले ने फरग्युसन कॉलिज में अध्यापन कार्य किया। वह गणित तथा अंग्रेजी पढ़ाते थे। वह एक सफल अध्यापक थे। उनके सहयोगी और शिष्य दोनों उनकी प्रशंसा करते थे।
पूना में गोखले न्यायाधीश रानाडे के संपर्क में आये। वह रानाडे के जीवन और विचारों से बहुत प्रभावित हुए। रानाडे एक बड़े देशप्रेमी और समाज-सुधारक थे। उन्होंने एक पत्र प्रकाशित किया। गोखले इस पत्र के संपादक हो गए। भारत के इतिहास और स्वतंत्रता आन्दोलन में गोपाल कृष्ण गोखले का नाम सदैव याद रखा जायेगा।
(गोपाल कृष्ण गोखले) GOPAL KRISHNA GOKHALE in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
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