Essay : (हरिद्वार) HARIDWAR Nibandh in Hindi
हरिद्वार पर निबंध (Haridwar Essay in Hindi):
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Haridwar in Hindi.
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Haridwar in Hindi.
हिन्दुओं की दृष्टि में 'हरिद्वार' बड़ा भारी तीर्थ है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा नदी अपनी पहाड़ी यात्रा समाप्त करके नीचे उतरती है और मैदान में प्रविष्ट होती है। यहाँ से लेकर इस नदी के दहाने तक जितने नगर और उपनगर इस शानदार नदी के किनारे बसे हुए हैं, उनमें पहला हरिद्वार ही है।
यह नगर बहुत पुराना है। पहले साढ़े तीन मील के अहाते में बसा हुआ था। एक बड़े भारी किले और कई शानदार मंदिरों के खण्डहर वर्तमान आबादी के समीप अब तक साफ़-साफ़ दिखाई पड़ते हैं। सारा नगर नदी के दाँये किनारे पर पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है। नदी के बाँए किनारे पर एक मंदिर बना हुआ है। दूर से देखने पर बड़ा सुन्दर नज़र आता है।
हरिद्वार में महीने में एक-दो मेले सदा होते रहते हैं। किन्तु बैसाखी का मेला हर साल बड़ी रौनक के साथ होता है। लाखों आदमी एकत्र हो जाते हैं। मीलों लम्बे बाज़ार बन जाते हैं। लाखों रुपये का क्रय-विक्रय होता है।
यह नगर बहुत पुराना है। पहले साढ़े तीन मील के अहाते में बसा हुआ था। एक बड़े भारी किले और कई शानदार मंदिरों के खण्डहर वर्तमान आबादी के समीप अब तक साफ़-साफ़ दिखाई पड़ते हैं। सारा नगर नदी के दाँये किनारे पर पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है। नदी के बाँए किनारे पर एक मंदिर बना हुआ है। दूर से देखने पर बड़ा सुन्दर नज़र आता है।
हरिद्वार में महीने में एक-दो मेले सदा होते रहते हैं। किन्तु बैसाखी का मेला हर साल बड़ी रौनक के साथ होता है। लाखों आदमी एकत्र हो जाते हैं। मीलों लम्बे बाज़ार बन जाते हैं। लाखों रुपये का क्रय-विक्रय होता है।
Essay : (हरिद्वार) HARIDWAR Nibandh in Hindi
Reviewed by Unknown
on
02:59
Rating: