(के.आर. नारायणन) K.R. NARAYANAN in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
के.आर. नारायणन का जीवन परिचय (K.R. Narayanan Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of K.R. Narayanan in Hindi.
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'के.आर. नारायणन' का पूरा नाम कोच्चेरील रमन नारायणन था। उनका जन्म 27 अक्टूबर, 1920 को केरल के एक छोटे से गांव पेरुमथॉनम उझावूर, त्रावणकोर में हुआ था। इनके पिता का नाम कोच्चेरिल रामन वेद्यार था। यह भारतीय पद्धति के सिद्धहस्त आयुर्वेदाचार्य थे। के.आर. नारायणन का परिवार काफी गरीब था। लेकिन इनके पिता अपनी चिकित्सकीय प्रतिभा के कारण आस-पास के सभी ग्रामों में बेहद सम्माननीय माने जाते थे।
के.आर. नारायणन की आरंभिक शिक्षा उझावूर के अवर प्राथमिक विद्यालय में ही शुरू हुई। उन्होंने सेंट मेरी हाई स्कूल से 1936-37 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने कला (ऑनर्स) में स्नातक स्तर की परीक्षा पास की। फिर अंग्रेज़ी साहित्य में त्रावणकोर विश्वविद्यालय (वर्तमान का केरल विश्वविद्यालय) से 1943 में स्नातकोत्तर परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1945 में ही इंग्लैण्ड चले गए और ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया।
के.आर. नारायणन एक गंभीर व्यक्तित्व वाले इंसान थे। वह एक कुशल राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने बतौर पत्रकार कार्य किया। वह लगातार तीन लोकसभा चुनावों में ओट्टापलल (केरल) की सीट पर विजयी होकर लोकसभा पहुंचे। एक मंत्री के रूप में इन्होंने योजना, विदेश मामले तथा विज्ञान एवं तकनीकी विभागों का कार्यभार सम्भाला। श्री नारायणन 21 अगस्त, 1992 को डॉ. शंकर दयाल शर्मा के राष्ट्रपतित्व काल में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। 17 जुलाई, 1997 को वे स्वतंत्र भारत के अब तक के दसवें और पहले दलित राष्ट्रपति बने।
9 नवम्बर, 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में श्री नारायणन का निधन हो गया। के.आर. नारायणन एक अच्छे राजनेता और राष्ट्रपति के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी थे। राष्ट्र प्रेम, विशिष्ट नैतिक मनोबल तथा साहस के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
के.आर. नारायणन की आरंभिक शिक्षा उझावूर के अवर प्राथमिक विद्यालय में ही शुरू हुई। उन्होंने सेंट मेरी हाई स्कूल से 1936-37 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने कला (ऑनर्स) में स्नातक स्तर की परीक्षा पास की। फिर अंग्रेज़ी साहित्य में त्रावणकोर विश्वविद्यालय (वर्तमान का केरल विश्वविद्यालय) से 1943 में स्नातकोत्तर परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1945 में ही इंग्लैण्ड चले गए और ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया।
के.आर. नारायणन एक गंभीर व्यक्तित्व वाले इंसान थे। वह एक कुशल राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने बतौर पत्रकार कार्य किया। वह लगातार तीन लोकसभा चुनावों में ओट्टापलल (केरल) की सीट पर विजयी होकर लोकसभा पहुंचे। एक मंत्री के रूप में इन्होंने योजना, विदेश मामले तथा विज्ञान एवं तकनीकी विभागों का कार्यभार सम्भाला। श्री नारायणन 21 अगस्त, 1992 को डॉ. शंकर दयाल शर्मा के राष्ट्रपतित्व काल में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। 17 जुलाई, 1997 को वे स्वतंत्र भारत के अब तक के दसवें और पहले दलित राष्ट्रपति बने।
9 नवम्बर, 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में श्री नारायणन का निधन हो गया। के.आर. नारायणन एक अच्छे राजनेता और राष्ट्रपति के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी थे। राष्ट्र प्रेम, विशिष्ट नैतिक मनोबल तथा साहस के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
(के.आर. नारायणन) K.R. NARAYANAN in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
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