ANTARRASHTRIYA PURUSH DIWAS in Hindi | Essay
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (Antarrashtriya Purush Diwas in Hindi):
Given below some lines of Short Essay on Antarrashtriya Purush Diwas in Hindi.
Given below some lines of Short Essay on Antarrashtriya Purush Diwas in Hindi.
'अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस' प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय घटना है। इस दिवस की स्थापना त्रिनिदाद और टोबैगो में वर्ष 1999 में की गयी। आज यह दिन, दुनिया में 60 से अधिक देशों में मनाया जाता है। भारत में यह दिन सर्वप्रथम 19 नवंबर 2007 को मनाया गया था।
पुरुष अपने समुदाय के लिए और अपने देश के लिए, अपने दोस्तों के लिए और अपने परिवारों के लिए, पति, बेटे और पिता के रूप में, अपनी अनेक भूमिका में प्रत्येक दिन बलिदान करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस समाज में पुरुषों द्वारा किये जा रहे त्याग व बलिदान की सराहना का दिवस है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्देश्य, लिंग संबंधों में सुधार लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, और सकारात्मक पुरुष मॉडल की भूमिका पर प्रकाश डालना है। पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना इसमें शामिल है। इस दिवस का उद्देश्य पुरुषों के खिलाफ भेदभाव पर प्रकाश डालना है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर कई स्थानों पर सार्वजनिक सेमिनार और सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। कुछ पुरुषों के संगठनों के नेतृत्व में शांतिपूर्ण प्रदर्शन व जुलुस का आयोजन भी होता है। यह वार्षिक दिन देख-रेख के तरीके से वैकल्पिक है, किसी भी संगठन के लिए अपने स्वयं की घटनाओं की मेजबानी करने का स्वागत होता है और किसी भी उचित मंचों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुरुष अपने समुदाय के लिए और अपने देश के लिए, अपने दोस्तों के लिए और अपने परिवारों के लिए, पति, बेटे और पिता के रूप में, अपनी अनेक भूमिका में प्रत्येक दिन बलिदान करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस समाज में पुरुषों द्वारा किये जा रहे त्याग व बलिदान की सराहना का दिवस है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्देश्य, लिंग संबंधों में सुधार लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, और सकारात्मक पुरुष मॉडल की भूमिका पर प्रकाश डालना है। पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना इसमें शामिल है। इस दिवस का उद्देश्य पुरुषों के खिलाफ भेदभाव पर प्रकाश डालना है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर कई स्थानों पर सार्वजनिक सेमिनार और सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। कुछ पुरुषों के संगठनों के नेतृत्व में शांतिपूर्ण प्रदर्शन व जुलुस का आयोजन भी होता है। यह वार्षिक दिन देख-रेख के तरीके से वैकल्पिक है, किसी भी संगठन के लिए अपने स्वयं की घटनाओं की मेजबानी करने का स्वागत होता है और किसी भी उचित मंचों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ANTARRASHTRIYA PURUSH DIWAS in Hindi | Essay
Reviewed by Unknown
on
01:12
Rating: