(माखनलाल चतुर्वेदी) MAKHANLAL CHATURVEDI in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय (Makhanlal Chaturvedi Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of Makhanlal Chaturvedi in Hindi.
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'माखनलाल चतुर्वेदी' का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश, भारत के होशंगाबाद जिले के बावई नामक गाँव में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा के पश्चात इन्होने घर पर रहकर ही संस्कृत, बंगला, गुजराती, अंग्रेज़ी आदि भाषाओँ का अध्ययन किया। 1931 ई० में मासिक पत्रिका 'प्रभा' का संपादन किया। फिर ये सक्रिय रूप से राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ गए।
माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर राष्ट्रीयता है। इसमें त्याग, बलिदान, कर्त्तव्य-भावना और समर्पण का भाव है। इनकी कविताओं में कहीं पौरुष की हुंकार है तो कहीं करुणा से भरी मनुहार है। इनकी भाषा ओजगुण से युक्त है। 'हिमकिरीटिनी' और 'हिम तरंगिनी' इनके प्रमुख कविता संग्रह हैं। इन्होने नाटक, कहानी, निबंध और संस्मरण आदि भी लिखे हैं। वर्ष 1955 में इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। माखनलाल चतुर्वेदी का निधन 80 वर्ष की आयु में 30 जनवरी, 1968 को हुआ।
माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर राष्ट्रीयता है। इसमें त्याग, बलिदान, कर्त्तव्य-भावना और समर्पण का भाव है। इनकी कविताओं में कहीं पौरुष की हुंकार है तो कहीं करुणा से भरी मनुहार है। इनकी भाषा ओजगुण से युक्त है। 'हिमकिरीटिनी' और 'हिम तरंगिनी' इनके प्रमुख कविता संग्रह हैं। इन्होने नाटक, कहानी, निबंध और संस्मरण आदि भी लिखे हैं। वर्ष 1955 में इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। माखनलाल चतुर्वेदी का निधन 80 वर्ष की आयु में 30 जनवरी, 1968 को हुआ।
(माखनलाल चतुर्वेदी) MAKHANLAL CHATURVEDI in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
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