(रानी लक्ष्मीबाई जयंती) RANI LAXMI BAI JAYANTI in Hindi | Essay
रानी लक्ष्मीबाई जयंती (Rani Laxmi Bai Jayanti in Hindi):
Given below some lines of Short Essay on Rani Laxmi Bai Jayanti in Hindi.
Given below some lines of Short Essay on Rani Laxmi Bai Jayanti in Hindi.
'रानी लक्ष्मीबाई जयंती' प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को धूम-धाम से मनायी जाती है। यह रानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस है। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1835 को काशी में हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था। इनकी माता का नाम भागीरथी बाई था। लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था परन्तु प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था।
अंग्रेज़ों के विरुद्ध रणयज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरि माना जाता है। 1857 में उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात किया था। अपने शौर्य से उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे। रानी लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरांगना थीं। उन्होंने न केवल भारत की बल्कि विश्व की महिलाओं को गौरवान्वित किया। उनका जीवन स्वयं में वीरोचित गुणों से भरपूर, अमर देशभक्ति और बलिदान की एक अनुपम गाथा है।
रानी लक्ष्मीबाई की जयंती सम्पूर्ण देश में धूम-धाम से मनायी जाती है। इस मौके पर कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अनेक स्थानों पर मशाल मार्च निकालते हैं एवं दीपदान करते हैं। इस दिन जगह-जगह संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति पर माल्यार्पण किया जाता है तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
अंग्रेज़ों के विरुद्ध रणयज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरि माना जाता है। 1857 में उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात किया था। अपने शौर्य से उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे। रानी लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरांगना थीं। उन्होंने न केवल भारत की बल्कि विश्व की महिलाओं को गौरवान्वित किया। उनका जीवन स्वयं में वीरोचित गुणों से भरपूर, अमर देशभक्ति और बलिदान की एक अनुपम गाथा है।
रानी लक्ष्मीबाई की जयंती सम्पूर्ण देश में धूम-धाम से मनायी जाती है। इस मौके पर कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अनेक स्थानों पर मशाल मार्च निकालते हैं एवं दीपदान करते हैं। इस दिन जगह-जगह संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति पर माल्यार्पण किया जाता है तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
(रानी लक्ष्मीबाई जयंती) RANI LAXMI BAI JAYANTI in Hindi | Essay
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