(वी.पी. सिंह) V.P. SINGH in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
वी.पी. सिंह का जीवन परिचय (V.P. Singh Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of V.P. Singh in Hindi.
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'वी.पी. सिंह' का पूरा नाम विश्वनाथ प्रताप सिंह है। उनका जन्म 25 जून, 1931 को इलाहाबाद के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। विश्वनाथ प्रताप सिंह के पिता का नाम राजा बहादुर राय गोपाल सिंह था।
विश्वनाथ प्रताप सिंह एक कुशल और बेहद महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ थे। वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति की ओर आकृष्ट हो गए थे। वह वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी रहे। भूदान आंदोलन के अंतर्गत उन्होंने अपनी सारी जमीनें दान कर दीं जिसके परिणामस्वरूप उन्हें परिवार वालों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी।
विश्वनाथ प्रताप एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते थे। राजीव गांधी सरकार के पतन के बाद जब जनता दल ने वर्ष 1989 के आम चुनावों में विजय प्राप्त की तो प्रधानमंत्री के पद के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह को निर्वाचित किया गया। उन्होंने स्वतंत्र भारत के आठवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके पूर्व कुछ समय के लिए उन्होंने उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार भी संभाला लेकिन जल्दी ही वह केंद्रीय वाणिज्य मंत्री बन गए। इसके अलावा वह राज्यसभा के सदस्य और देश के वित्तमंत्री भी रहे।
27 नवंबर, 2008 को 77 वर्ष की आयु में विश्वनाथ प्रताप सिंह का निधन दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ। वह काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह एक कुशल और बेहद महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ थे। वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति की ओर आकृष्ट हो गए थे। वह वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी रहे। भूदान आंदोलन के अंतर्गत उन्होंने अपनी सारी जमीनें दान कर दीं जिसके परिणामस्वरूप उन्हें परिवार वालों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी।
विश्वनाथ प्रताप एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते थे। राजीव गांधी सरकार के पतन के बाद जब जनता दल ने वर्ष 1989 के आम चुनावों में विजय प्राप्त की तो प्रधानमंत्री के पद के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह को निर्वाचित किया गया। उन्होंने स्वतंत्र भारत के आठवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके पूर्व कुछ समय के लिए उन्होंने उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार भी संभाला लेकिन जल्दी ही वह केंद्रीय वाणिज्य मंत्री बन गए। इसके अलावा वह राज्यसभा के सदस्य और देश के वित्तमंत्री भी रहे।
27 नवंबर, 2008 को 77 वर्ष की आयु में विश्वनाथ प्रताप सिंह का निधन दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ। वह काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे।
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