Farmer Day in Hindi | Essay
Farmer Day in Hindi
Given below some lines of Short Essay on Farmer Day in Hindi.भारत में, 'राष्ट्रीय किसान दिवस' प्रत्येक वर्ष 23 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश, भारत के मेरठ जनपद में हुआ था। उनके पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चौधरी चरण सिंह की स्मृति में उनके जन्मदिन 23 दिसम्बर को प्रति वर्ष किसान दिवस मनाया जाता है।
चौधरी चरण सिंह स्वतंत्र भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में 28 जुलाई, 1979 को पद पर आसीन हुए। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले सम्बोधन में चौधरी चरण सिंह ने कहा था- "गरीबी को हटाना एवं हर एक नागरिक को जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। "
चौधरी चरण सिंह राजनीति में स्वच्छ छवि रखने वाले इंसान थे। वह गांधीवादी विचारधारा में यक़ीन रखते थे। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी। उनका यह मत था कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही 'जमींदारी उन्मूलन विधेयक' 1952 में पारित हो सका। वह कृषकों के सच्चे शुभचिन्तक थे। चौधरी चरण सिंह की मृत्यु 29 मई 1987 में हुई। इतिहास में इनका नाम प्रधानमंत्री से ज़्यादा एक किसान नेता के रूप में याद किया जायेगा।
चौधरी चरण सिंह स्वतंत्र भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में 28 जुलाई, 1979 को पद पर आसीन हुए। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले सम्बोधन में चौधरी चरण सिंह ने कहा था- "गरीबी को हटाना एवं हर एक नागरिक को जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। "
चौधरी चरण सिंह राजनीति में स्वच्छ छवि रखने वाले इंसान थे। वह गांधीवादी विचारधारा में यक़ीन रखते थे। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी। उनका यह मत था कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही 'जमींदारी उन्मूलन विधेयक' 1952 में पारित हो सका। वह कृषकों के सच्चे शुभचिन्तक थे। चौधरी चरण सिंह की मृत्यु 29 मई 1987 में हुई। इतिहास में इनका नाम प्रधानमंत्री से ज़्यादा एक किसान नेता के रूप में याद किया जायेगा।
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