Essay : (वर्षा ऋतु) VARSHA RITU Nibandh in Hindi
वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Essay in Hindi):
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Varsha Ritu in Hindi.
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Varsha Ritu in Hindi.
ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् 'वर्षा ऋतु' आती है। जुलाई और अगस्त के मास में वर्षा का जोर रहता है।
वर्षा ऋतु में आकाश पर काली घटायें हर समय छाई रहती हैं। नदी, नाले और तालाब सब पानी से भर जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूखी भूमि के भाग्य उदय हुए हों। भूमि हरे वस्त्र पहन लेती है।
इस मौसम में जंगल में मंगल हो जाता है। पक्षी प्रसन्न हो आकाश पर मंडराते हैं। कोकिला राग अलापती है। मेंढक टर्राते हैं। साँप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े भी बड़ी संख्या में बाहर निकल आते हैं। मक्खियाँ डंक मारती हैं। मच्छर सताते हैं। मलेरिया ज्वर एवं अन्य अनेक बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं।
वर्षा ऋतु में आकाश पर काली घटायें हर समय छाई रहती हैं। नदी, नाले और तालाब सब पानी से भर जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूखी भूमि के भाग्य उदय हुए हों। भूमि हरे वस्त्र पहन लेती है।
इस मौसम में जंगल में मंगल हो जाता है। पक्षी प्रसन्न हो आकाश पर मंडराते हैं। कोकिला राग अलापती है। मेंढक टर्राते हैं। साँप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े भी बड़ी संख्या में बाहर निकल आते हैं। मक्खियाँ डंक मारती हैं। मच्छर सताते हैं। मलेरिया ज्वर एवं अन्य अनेक बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं।
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