(मौलाना अबुल कलाम आजाद जयंती) MAULANA ABUL KALAM AZAD JAYANTI in Hindi | Essay
मौलाना अबुल कलाम आजाद जयंती (Maulana Abul Kalam Azad Jayanti in Hindi):
Given below some lines of Short Essay on Maulana Abul Kalam Azad Jayanti in Hindi.
Given below some lines of Short Essay on Maulana Abul Kalam Azad Jayanti in Hindi.
'मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जयंती' प्रति वर्ष 11 नवम्बर को मनाई जाती है। यह मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी का जन्म दिवस है। भारत में इसे राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2008 में की गई घोषणा के पश्चात से मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती की स्मृति में प्रति वर्ष 11 नवम्बर को सम्पूर्ण भारतवर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवम्बर को हुआ था। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद महान स्वतंत्रता सेनानी व प्रतिष्ठित शिक्षा शास्त्री थे। वे भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे। वे उच्च कोटि के कवि, लेखक एवं पत्रकार भी थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने थे। वर्ष 1992 में मरणोपरान्त मौलाना को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। एक इंसान के रूप में मौलाना महान थे। उन्होंने हमेशा सादगी का जीवन पसंद किया। उनमें कठिनाइयों से जूझने के लिए अपार साहस और एक संत जैसी मानवता थी।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, शिक्षा की समाज के लिए उपयोगिता को दर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। शिक्षा ऐसा वातावरण तैयार करने का मूलाधार है, जिसमें लोग परस्पर मित्रता और समानता के धरातल पर जुड़ सकते हैं। इस दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकार शिक्षा के सुधार एवं विकास के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती हैं।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवम्बर को हुआ था। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद महान स्वतंत्रता सेनानी व प्रतिष्ठित शिक्षा शास्त्री थे। वे भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे। वे उच्च कोटि के कवि, लेखक एवं पत्रकार भी थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने थे। वर्ष 1992 में मरणोपरान्त मौलाना को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। एक इंसान के रूप में मौलाना महान थे। उन्होंने हमेशा सादगी का जीवन पसंद किया। उनमें कठिनाइयों से जूझने के लिए अपार साहस और एक संत जैसी मानवता थी।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, शिक्षा की समाज के लिए उपयोगिता को दर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। शिक्षा ऐसा वातावरण तैयार करने का मूलाधार है, जिसमें लोग परस्पर मित्रता और समानता के धरातल पर जुड़ सकते हैं। इस दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकार शिक्षा के सुधार एवं विकास के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती हैं।
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