(रबिन्द्रनाथ टैगोर) RABINDRANATH TAGORE in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
रबिन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय (Rabindranath Tagore Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of Rabindranath Tagore in Hindi.
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of Rabindranath Tagore in Hindi.
'रबिन्द्रनाथ टैगोर' का जन्म कलकत्ता के धनी परिवार में हुआ था। ये देवेन्द्रनाथ टैगोर के सबसे छोटे पुत्र थे। इनके परिवार के लोग सुशिक्षित और कला-प्रेमी थे।
इनकी शिक्षा अधिकाँश घर पर हुई थी। इनको वकालत पढने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। वहाँ एक साल ठहरने के पश्चात वह भारत वापस आ गए। घर के शांतपूर्ण वातावरण में इन्होने बँगला भाषा में लिखने का कार्य आरम्भ कर दिया और शीघ्र ही प्रसिद्धि प्राप्त कर ली।
इन्होने अनेक कवितायें, लघु कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और निबंध लिखे। उनकी रचनाएं सर्वप्रिय हो गयीं। साहित्य सेवा के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनकी अनेक रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया जा चुका है।
टैगोर एक दार्शनिक, कलाकार और समाज-सुधारक भी थे। कलकत्ता के निकट इन्होने एक स्कूल स्थापित किया जो अब 'विश्व भारती' के नाम से प्रसिद्द है।
इनकी शिक्षा अधिकाँश घर पर हुई थी। इनको वकालत पढने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। वहाँ एक साल ठहरने के पश्चात वह भारत वापस आ गए। घर के शांतपूर्ण वातावरण में इन्होने बँगला भाषा में लिखने का कार्य आरम्भ कर दिया और शीघ्र ही प्रसिद्धि प्राप्त कर ली।
इन्होने अनेक कवितायें, लघु कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और निबंध लिखे। उनकी रचनाएं सर्वप्रिय हो गयीं। साहित्य सेवा के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनकी अनेक रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया जा चुका है।
टैगोर एक दार्शनिक, कलाकार और समाज-सुधारक भी थे। कलकत्ता के निकट इन्होने एक स्कूल स्थापित किया जो अब 'विश्व भारती' के नाम से प्रसिद्द है।
(रबिन्द्रनाथ टैगोर) RABINDRANATH TAGORE in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
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