Essay : (मेरा प्रिय मित्र) MERA PRIYA MITRA Nibandh in Hindi
मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (Mera Priya Mitra Essay in Hindi):
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Mera Priya Mitra in Hindi.
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Mera Priya Mitra in Hindi.
'मेरा प्रिय मित्र' सौरभ है। सौरभ एक बहुत अच्छा लड़का है। मेरे स्कूल और मोहल्ले के अनेक मित्र होने के बावजूद, मैं सौरभ को बहुत पसन्द करता हूँ, जिस कारण वह मेरा प्रिय मित्र है। सौरभ अति विनम्र और सरल स्वभाव का है।
सौरभ मेरे साथ मेरे स्कूल मेँ मेरी ही कक्षा मेँ अध्ययन करता है। उसके पिताजी एक वकील हैं। वह स्वयं भी अपने पिता की तरह एक अच्छा वकील बनना चाहता है। सौरभ की माताजी एक ग्रहणी हैं। वे अति मधुर और स्नेहशील महिला हैँ। सौरभ के परिवार मेँ उसके माता-पिता के अतिरिक्त एक छोटी बहिन है, जो बहुत प्यारी एवम नटखट है।
सौरभ एक मेधावी छात्र है। वह हमारी कक्षा मेँ सदैव प्रथम आता है। सौरभ पढ़ाई के साथ-साथ खेलों मेँ भी रुचि रखता है। उसका पसंदीदा खेल शतरंज है। वह हमारे विद्यालय का शतरंज का सर्वोच्च खिलाड़ी है। शतरंज के खेल में सौरभ हमारे विद्यालय का अनेक बार प्रतिनिधित्व कर चुका है और विद्यालय का नाम रोशन कर चुका है।
सौरभ एक सहनशील और आज्ञाकारी लड़का है। वह सदैव सत्य बोलता है एवम झूठ से उसे सख्त नफरत है। इतने गुण होने के बावजूद भी उसे किसी भी प्रकार का घमंड नहीँ है। वह हमारे विद्यालय मेँ बहुत लोकप्रिय है। सही मायने मेँ वह एक आदर्श छात्र, एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श भाई एवम एक आदर्श मित्र है। मुझे अपने प्रिय मित्र सौरभ पर गर्व है।
सौरभ मेरे साथ मेरे स्कूल मेँ मेरी ही कक्षा मेँ अध्ययन करता है। उसके पिताजी एक वकील हैं। वह स्वयं भी अपने पिता की तरह एक अच्छा वकील बनना चाहता है। सौरभ की माताजी एक ग्रहणी हैं। वे अति मधुर और स्नेहशील महिला हैँ। सौरभ के परिवार मेँ उसके माता-पिता के अतिरिक्त एक छोटी बहिन है, जो बहुत प्यारी एवम नटखट है।
सौरभ एक मेधावी छात्र है। वह हमारी कक्षा मेँ सदैव प्रथम आता है। सौरभ पढ़ाई के साथ-साथ खेलों मेँ भी रुचि रखता है। उसका पसंदीदा खेल शतरंज है। वह हमारे विद्यालय का शतरंज का सर्वोच्च खिलाड़ी है। शतरंज के खेल में सौरभ हमारे विद्यालय का अनेक बार प्रतिनिधित्व कर चुका है और विद्यालय का नाम रोशन कर चुका है।
सौरभ एक सहनशील और आज्ञाकारी लड़का है। वह सदैव सत्य बोलता है एवम झूठ से उसे सख्त नफरत है। इतने गुण होने के बावजूद भी उसे किसी भी प्रकार का घमंड नहीँ है। वह हमारे विद्यालय मेँ बहुत लोकप्रिय है। सही मायने मेँ वह एक आदर्श छात्र, एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श भाई एवम एक आदर्श मित्र है। मुझे अपने प्रिय मित्र सौरभ पर गर्व है।
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