Essay on Summer Season in Hindi | Nibandh

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Summer Season Essay in Hindi

Given below some lines of Short Nibandh / Essay on Summer Season in Hindi.

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख एवं ज्येष्ठ का माह भारत में ग्रीष्म ऋतु कहलाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार माह अप्रैल से मध्य जून की समयावधि ग्रीष्म ऋतु में आती है। इस ऋतु में रातें छोटी व दिन लम्बे होते हैं। इस ऋतु में सूर्योदय के साथ ही तपन बढ़ना प्रारंभ हो जाती है।

ग्रीष्म ऋतु अपने नाम के अनुसार गर्म व तपन से भरी मानी जाती है। पोखर व तालाब इत्यादि सूखने लगते हैं। अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण ही इसे ग्रीष्म नाम दिया गया है। ग्रीष्म ऋतु में सभी प्राणी गर्मी की मार से बेहाल हो जाते हैं। लू के थपेड़ों से जीना मुश्किल होने लगता है। हजारों लोगों की मृत्यु प्रति वर्ष भीषण गर्मी के कारण होती है। हालाँकि विज्ञान की प्रगति ने लोगों को गर्मी से बचने हेतु पंखा, कूलर एवं ए०सी० इत्यादि उपलब्ध करा दिया है, किन्तु गरीबों को यह सुविधा नहीं मिल पाती। गरीब व्यक्ति का जीवन आज भी प्रकृति की दया पर ही निर्भर है।

अत्यधिक गर्मी व तपन के कारण स्कूल एवं कॉलेज में छुट्टियाँ घोषित कर दी जाती है। कई कार्यालयों का समय परवर्तित कर प्रातःकाल से कर दिया जाता है। सड़कों में जगह-जगह शर्बत, लस्सी एवं कोल्ड-ड्रिंक के स्टाल सज जाते हैं। इस मौसम के विशेष फल 'आम' को बहुत पसंद किया जाता है। तरह-तरह की आइस-क्रीम सभी का मन लुभाती हैं।
Essay on Summer Season in Hindi | Nibandh Essay on Summer Season in Hindi | Nibandh Reviewed by Unknown on 04:30 Rating: 5

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