(राज्यवर्धन सिंह राठौर) RAJYAVARDHAN SINGH RATHORE in Hindi | Jivani | Jeevan Parichay | Essay
राज्यवर्धन सिंह राठौर का जीवन परिचय (Rajyavardhan Singh Rathore Jivani in Hindi):
Given below some lines for Short Essay / Jeevan Parichay of Rajyavardhan Singh Rathore in Hindi.
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'राज्यवर्धन सिंह राठौर' का जन्म 29 जनवरी, 1970 को जैसलमेर, राजस्थान, भारत में हुआ था। उनके पिता सशस्त्र बलों में थे। उनका नाता एक राजपूत परिवार से रहा है।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट्रल स्कूल से पूरी की। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने भी सेना में दाखिला लिया। वे 1991 में भारतीय सेना में अधिकारी बन गए। उन्होंने प्रारंभिक दिनों से ही एक विजेता के रूप में कार्य किया। वे बेहद शांत प्रकृति के हैं, बहुत कम बोलते हैं और निशानेबाजी की रेंज के अलावा उनका किसी से कोई सरोकार नहीं रहा।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिडनी में विश्व चैम्पियनशिप में निशानेबाज़ी में गोल्ड मेडल जीता। उन्हें विश्व रैंकिंग में नंबर तीन पर स्थान दिया गया था। वह अपनी बंदूकों को वैसे ही प्यार करते हैं जैसे कि एक संगीतकार अपने उपकरण से प्यार करता है। निशानेबाज़ राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 के ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। ओलंपिक खेलों के लिए रवाना होने से पहले वह आत्मविश्वास से भरे हुए थे।
23 वर्ष तक सेना की सेवा करने और भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक रजत पदक जीतने वाले पद्मश्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एकाएक राजनीति के मैदान में कूदकर सबको चौंका दिया। वह 2014 के आम चुनाव में लोकसभा के सदस्य चुने गए। तत्पश्चात उन्हें मोदी सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ।
राज्यवर्धन सिंह राठौर प्रथम भारतीय (स्वतंत्रता के बाद) हैं, जिन्होंने निशानेबाज़ी में व्यक्तिगत रजत पदक जीता। अर्जुन पुरस्कार विजेता राज्यवर्धन देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किए गए। हर भारतीय को उनपर गर्व है।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट्रल स्कूल से पूरी की। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने भी सेना में दाखिला लिया। वे 1991 में भारतीय सेना में अधिकारी बन गए। उन्होंने प्रारंभिक दिनों से ही एक विजेता के रूप में कार्य किया। वे बेहद शांत प्रकृति के हैं, बहुत कम बोलते हैं और निशानेबाजी की रेंज के अलावा उनका किसी से कोई सरोकार नहीं रहा।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिडनी में विश्व चैम्पियनशिप में निशानेबाज़ी में गोल्ड मेडल जीता। उन्हें विश्व रैंकिंग में नंबर तीन पर स्थान दिया गया था। वह अपनी बंदूकों को वैसे ही प्यार करते हैं जैसे कि एक संगीतकार अपने उपकरण से प्यार करता है। निशानेबाज़ राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 के ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। ओलंपिक खेलों के लिए रवाना होने से पहले वह आत्मविश्वास से भरे हुए थे।
23 वर्ष तक सेना की सेवा करने और भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक रजत पदक जीतने वाले पद्मश्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एकाएक राजनीति के मैदान में कूदकर सबको चौंका दिया। वह 2014 के आम चुनाव में लोकसभा के सदस्य चुने गए। तत्पश्चात उन्हें मोदी सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ।
राज्यवर्धन सिंह राठौर प्रथम भारतीय (स्वतंत्रता के बाद) हैं, जिन्होंने निशानेबाज़ी में व्यक्तिगत रजत पदक जीता। अर्जुन पुरस्कार विजेता राज्यवर्धन देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किए गए। हर भारतीय को उनपर गर्व है।
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